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घर की वायरिंग करवाते समय किन बातों का रखें ध्यान? - छगन जी की ज़ुबानी
नमस्कार दोस्तों! मेरा नाम छगन है और मैं पिछले कई सालों से इलेक्ट्रिकल काम कर रहा हूँ। आज मैं आपके साथ अपने अनुभव के आधार पर घर की वायरिंग से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण टिप्स शेयर करूँगा। अगर आप भी अपने घर में वायरिंग करवाने जा रहे हैं, तो यह जानकारी आपके बहुत काम आएगी।
तीन मुख्य तार - सही पहचान, सुरक्षित मकान:
दोस्तों, घर की वायरिंग में मुख्यतः तीन तरह के तार इस्तेमाल होते हैं:
- लाल (Red): यह तार "फेस" (Phase) के लिए होता है यानि इसमें करंट होता है।
- काला (Black): यह तार "न्यूट्रल" (Neutral) के लिए होता है।
- हरा (Green): यह तार "अर्थिंग" (Earthing) के लिए होता है, जो बिजली के झटकों से बचाता है।
सिंगल फेस वायरिंग और सर्किट:
ज्यादातर घरों में सिंगल फेस वायरिंग ही होती है। इसमें हम डीबी (DB) यानि डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड से लेकर स्विच बोर्ड या पावर पॉइंट तक सर्किट इंस्टॉल करते हैं। सामान्य लोड के लिए 2.5 स्क्वायर mm के लाल और काले तार और 1.5 स्क्वायर mm का हरा तार इस्तेमाल होता है।
ध्यान रखें - वायरिंग में यह गलती न करें!
मैंने कई इलेक्ट्रीशियनों को देखा है जो DB से पहले वायर को फैन बॉक्स तक ले जाते हैं, और फिर वहां से स्विच बोर्ड तक. यह तरीका गलत है और खतरनाक भी। इससे तार और पाइप ज़्यादा लगते हैं, खर्चा बढ़ता है, और शॉर्ट सर्किट होने पर सारे तार जलने का खतरा रहता है। बारिश के समय में करंट आने का खतरा भी बढ़ जाता है।
सही तरीका क्या है?
- DB से सीधे स्विच बोर्ड: वायरिंग हमेशा DB से सीधे संबंधित कमरे की दीवार पर और वहां से डायरेक्ट स्विच बोर्ड में डालनी चाहिए।
- पाइपिंग: DB से निकलने वाले तारों को पहले संबंधित कमरे तक पाइप के ज़रिए सुरक्षित तरीके से ले जाएं, फिर वहां से स्विच बोर्ड तक।
- पॉवर पॉइंट: AC के लिए, 4 स्क्वायर mm का काला तार (न्यूट्रल), 4 स्क्वायर mm का लाल तार (मेन सप्लाई), और 2.5 स्क्वायर mm का हरा तार (अर्थिंग) इस्तेमाल करें। कनेक्शन करते समय, लाल तार को स्विच के 'L' वाले पॉइंट में, काले तार को 'N' (न्यूट्रल) वाले पॉइंट में, और हरे तार को 'E' (अर्थिंग) वाले पॉइंट में लगाएं।
DB (डिस्ट्रीब्यूशन बोर्ड) लगाते समय ध्यान रखें:
- सही जगह का चुनाव: DB ऐसी जगह लगाएं जहाँ आसानी से पहुँचा जा सके, लेकिन वहां पानी न पहुंचे और छोटे बच्चों की पहुँच से दूर हो. आमतौर पर यह गैलरी, हॉल या सीढ़ियों के पास लगाई जाती है।
- सिंगल फेस कनेक्शन: मेन सप्लाई के दो तार (लाल और काला) को 2 पोल MCB (16 AMP से 64 AMP) या 4 पोल आइसोलेटर में लगाएं। (ध्यान दें कि ज़्यादातर लोग आइसोलेटर लगाते हैं जो कि उतना सुरक्षित नहीं होता है).
- थ्री फेस कनेक्शन: (इसके बारे में विस्तार से बाद में बताऊँगा)
1. MCB का सही चयन
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हर सर्किट के लोड के अनुसार सही रेटिंग वाली MCB (Miniature Circuit Breaker) चुनें।
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ओवरलोडिंग से बचने के लिए सर्किट में जुड़े उपकरणों की कुल अंपियर (Ampere) को मापें।
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MCB की रेटिंग लोड से थोड़ी अधिक होनी चाहिए ताकि यह बेवजह ट्रिप न हो।
2. RCCB/RCBO का उपयोग
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RCCB (Residual Current Circuit Breaker) या RCBO लीकेज करंट को पहचानकर बिजली की सप्लाई को तुरंत बंद कर देता है।
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यह बिजली के झटकों और शॉर्ट सर्किट से बचाता है।
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30mA या 100mA वाला RCCB/RCBO लगाएं, जो संवेदनशील और सुरक्षित हो।
3. अच्छी क्वालिटी के आइसोलेटर का उपयोग
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हमेशा अच्छी क्वालिटी और उच्च रेटिंग वाले आइसोलेटर का उपयोग करें।
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यह सुरक्षा और दीर्घकालिक उपयोग के लिए जरूरी है।
4. सर्किट का सही वितरण
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प्रत्येक कमरे में कम से कम दो सर्किट होने चाहिए:
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2.5 sq.mm वायर: पंखा, ट्यूबलाइट, कूलर, TV, लैपटॉप आदि के लिए।
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4 sq.mm वायर: हीटर, गीजर, एयर कंडीशनर, प्रेस आदि भारी उपकरणों के लिए।
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इससे लोड संतुलित रहता है और वायर जलने का खतरा कम होता है।
5. अर्थिंग (Earthing) का महत्व
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घर में अर्थिंग (Earthing) करवाना बहुत जरूरी है।
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अर्थिंग न होने पर करंट लगने या बिजली के झटके लगने का खतरा बढ़ जाता है।
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हरा तार (E) अर्थिंग के लिए उपयोग किया जाता है।
6. लोड संतुलन
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सभी सर्किट्स पर लोड संतुलित रखें।
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किसी एक सर्किट पर अधिक लोड न डालें, नहीं तो वायर गर्म होकर खराब हो सकती है।
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भारी उपकरणों के लिए 4 sq.mm वायर का उपयोग करें।
7. कनेक्शन टाइट रखें
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वायरिंग करते समय सभी कनेक्शन को टाइट और सुरक्षित रखें।
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ढीले कनेक्शन से ओवरहीटिंग, शॉर्ट सर्किट और स्विच/सॉकेट जलने का खतरा होता है।
8. तारों का सही कलर कोड
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तारों का सही कलर कोड फॉलो करें:
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लाल तार (L): लाइन (Live)
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काला तार (N): न्यूट्रल (Neutral)
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हरा तार (E): अर्थिंग (Earth)
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इससे कनेक्शन समझने और मरम्मत करने में आसानी होती है।
9. स्विच बोर्ड और पावर पॉइंट
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हर स्विच बोर्ड और पावर पॉइंट के लिए अलग MCB लगाएं।
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इससे किसी एक सर्किट में समस्या होने पर पूरे घर की बिजली नहीं कटेगी।
10. नियमित जांच
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साल में कम से कम एक बार DB और वायरिंग की जांच करवाएं।
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किसी योग्य इलेक्ट्रीशियन को बुलाकर सभी कनेक्शन और सुरक्षा उपकरणों की जांच करवाएं।
11. अच्छी क्वालिटी के मटेरियल का उपयोग
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DB, MCB, RCCB, वायर, और अन्य उपकरण हमेशा अच्छी क्वालिटी के होने चाहिए।
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सस्ते और निम्न गुणवत्ता वाले उपकरणों का उपयोग न करें।
12. पावर पॉइंट में कनेक्शन
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पावर पॉइंट (सॉकेट) में कनेक्शन करते समय तीन तारों का ध्यान रखें:
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लाल तार (L): लाइन
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काला तार (N): न्यूट्रल
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हरा तार (E): अर्थिंग
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इन्हें सही ढंग से जोड़ें ताकि सुरक्षा बनी रहे।
निष्कर्ष:
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DB और वायरिंग को सही तरीके से सेटअप करने से बिजली से जुड़ी दुर्घटनाओं और समस्याओं से बचा जा सकता है।
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अच्छी क्वालिटी के उपकरण, सही लोड वितरण, और नियमित जांच बहुत जरूरी हैं।
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यदि आपको इलेक्ट्रिकल काम में अनुभव नहीं है, तो हमेशा किसी योग्य इलेक्ट्रीशियन की मदद लें।
धन्यवाद!
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